Sukanya Samriddhi Yojana: अक्टूबर महीना शुरू होने के साथ ही फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से सुकन्या समृद्धि योजना और पीएफ से जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया गया है। 1 अक्टूबर से यह नियम लागू कर दिए गए हैं। सुकन्या समृद्धि योजना नियमों में कई तरह के बदलाव देखने को मिले हैं नए बदलाव के अनुसार Sukanya Samriddhi Scheme के खाते का संचालन बेटी के कानूनी अभिभावक या उसके Parents ही कर सकते हैं। 

Sukanya Samriddhi Scheme की शुरुआत मोदी सरकार ने साल 2015 में की थी। मोदी सरकार ने बेटियों के Future को ध्यान में रखते हुए योजना की शुरुआत की थी। और इस योजना को लागू किया था ताकि माता-पिता को कम उम्र से ही बेटी के लिए बचत करने की राशि प्राप्त होसके।

एक बेटी के नाम पर केवल एक ही सुकन्या समृद्धि योजना खाता खोला जा सकता है। इस योजना में निवेश करने की रकम मात्र ₹250 है सरकार की ओर से इस योजना में लगभग 830 का ब्याज मिलता है। इस खाते को बेटे के जन्म के समय या फिर 10 साल की उम्र तक खोला जा सकता है।

अगर आपको सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाना है तो आप अपने नजदीक की डाकघर जाकर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। और इस योजना में न्यूनतम 250 रुपए निवेश कर सकते हैं। और ज्यादा से ज्यादा ₹5000 निवेश कर सकते हैं। और इस योजना का संचालन बेटी के अभिभावकों के पास रहेगा यानी माता-पिता के पास रहेगा।

नए नियम के तहत सुकन्या समृद्धि योजना मैं बेटियों के कानूनी अभिभावक की तरफ से खाता संचालन नहीं किए जाने पर यह खाता बंद हो सकता है। इसके तहत यह भी बदलाव किया गया था। पहले इस खाते को बेटी की मौत या बेटी के रहने का पता बदलने पर बंद किया जा सकताथा। लेकिन अब खाताधारक की जानलेवा बीमारी भी इसमें में शामिल की गई है।

तीसरी बेटी का जन्म पर भी सुकन्या समृद्धि योजना का अकाउंट खोला जा सकता है। इस नए नियम के तहत पहली बेटी के बाद होने वाली दो जुड़वा बेटियों के लिए अकाउंट खोला जा सकता है। इस तरह कोई व्यक्ति अपनी तीन बेटियों के लिए खाता खुलवा सकता है।

पहले के नियमों के शहर बेटियां 10 साल की उम्र में खाते को ऑपरेट कर सकती थी लेकिन नए नियमों के तहत इसमें बदलाव किए गए हैं। अब इस खाते को 18 साल से ऊपर की ही बेटियां इस खाते को ऑपरेट कर सकेगी और 18 साल से नीचे वाली बेटी के खाते का संचालन उसके माता-पिता के पास रहेगा।

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