Success Story of IAS Hiamnshu Gupta- बचपन में चाय बेचा करते थे ये IAS, फिर भी तीन बार क्रैक कर लिया UPSC Exam

Success Story of IAS Hiamnshu Gupta : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। देश के लाखों छात्र इस परीक्षा में सम्मिलित होते हैं लेकिन उन्ही परीक्षाओं में एक ऐसा छात्र भी सम्मिलित हुआ जो पहले चाय बेचा करता था। इस व्यक्ति का नाम हिमांशु गुप्ता है, जो अब IAS का पद हासिल कर चुके हैं। इन्होंने बहुत सारी कठिनाइयों का सामना किया है।

हिमांशु गुप्ता ने बहुत कड़ी मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा को पास किया और अब IAS अफसर के पद पर तैनात हो गए हैं। हिमांशु ने यह साबित कर दिया है की गरीबी से जूझ रहे या पैसों की कमी के चलते, कैंडिडेट भी अगर सच्चे लगन से मेहनत करें तो वे भी सही मुकाम को हासिल कर सकते हैं। हिमांशु का बचपन बहुत गरीबी में बिता है, वे 70 किलोमीटर का सफर करके रोजाना स्कूल जाया करते थे। साथ ही पिता का हाथ बटाने के लिए चाय की दुकान पर काम किया करते थे। हिमांशु गुप्ता उत्तराखंड के रहने वाले हैं और इन्होंने यहीं से यूपीएससी की तैयारी की और इस परीक्षा को पास किया। हिमांशु के पिता चाय का ठेला लगाया करते थे तो भी उन्होंने अपने बेटे को पूरी शिक्षा दी। आइये इस कॉन्टेंट में Success Story of IAS Hiamnshu Gupta के बारे में जानते हैं।

IPS Story of IAS Hiamnshu Gupta

2018 में हिमांशु गुप्ता ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा पास किया। उस टाइम उनका चयन भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) में हुआ था। हिमांशु ने एक फिर से 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पद के लिए हुआ। उसके बाद हिमांशु ने 2020 में UPSC की परीक्षा दी और इन्होने फिर इस परीक्षा को क्वालीफाई कर लिया। इस तीसरे प्रयास में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पद पर तैनात हो गए।

The Struggle of Himanshu Gupta

हिमांशु शुरू से ही पढ़ाई में तेज थे, उनकी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद IAS बनने का सपना देखा। उनके पिता को नौकरी की तलाश के लिए दर – दर भटकना पड़ता था। ऐसे में उनका परिवार उत्तराखंड के शिवपुरी में बस गया। घर का खर्च चलाने के लिए हिमांशु के पिता जनरल स्टोर की दुकान खोली। एक समय भी आया जब हिमांशु को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में जाने के लिए 70 किमी की यात्रा करनी पड़ती थी। हिमांशु ने इन सभी कठिनाइयों का सामना करने के बाद भी अपनी पढ़ाई को जारी रखा और अब ये अफसर बन गए हैं।

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