नई दिल्ली: क्रिकेट फैंस का ध्यान अब पूरी तरह से पुणे पर है, जहां 24 अक्टूबर से भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। इस सीरीज में टीम इंडिया 0-1 से पीछे है, इसलिए इस मुकाबले में जीत टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पहले टेस्ट में मिली हार के बाद भारतीय टीम पर दबाव है, जबकि न्यूजीलैंड ने भारत को उसी की जमीन पर हराकर आत्मविश्वास से लबरेज़ है। लेकिन इस मैच में एक ऐसा बल्लेबाज है, जो अगर अपने पूरे रंग में आ गया, तो न्यूजीलैंड की जीत असंभव हो जाएगी – और वो हैं विराट कोहली। कोहली का प्रदर्शन इस मैदान पर हमेशा शानदार रहा है, और फैंस उनसे एक बार फिर धमाकेदार पारी की उम्मीद कर रहे हैं।
पुणे का मैदान भारतीय टीम के लिए उतना भाग्यशाली नहीं रहा है। अब तक यहां केवल दो ही टेस्ट मैच खेले गए हैं, जिनमें से एक भारत ने जीता और दूसरे में उसे हार का सामना करना पड़ा। पहला मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ था, जिसे भारत ने पारी और 137 रन से जीता था। लेकिन साल 2017 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को इसी मैदान पर 333 रनों से मात दी थी। पुणे का पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार हो सकता है, लेकिन यह पिच स्पिनरों के लिए भी घातक साबित हो सकती है। इसलिए टीम इंडिया को इस बार ज्यादा सतर्क रहना होगा।
विराट कोहली का इस मैदान पर रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने यहां दो टेस्ट मैचों की तीन पारियों में 267 रन बनाए हैं, जो किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा पुणे में सर्वाधिक रन हैं। खासकर, 2019 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए टेस्ट में उन्होंने नाबाद 254 रनों की पारी खेली थी। अगर विराट का बल्ला फिर से चला, तो न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
विराट कोहली ने जहां इस मैदान पर अपनी छाप छोड़ी है, वहीं बाकी भारतीय बल्लेबाजों का रिकॉर्ड यहां कुछ खास नहीं रहा है। कोई भी अन्य भारतीय बल्लेबाज यहां 100 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाया है। यह भारतीय टीम के लिए चिंता की बात हो सकती है, क्योंकि एक खिलाड़ी के शानदार प्रदर्शन से पूरी टीम को जीत नहीं मिल सकती। बल्लेबाजों को अपने प्रदर्शन में सुधार लाने की जरूरत है, खासकर तब जब उन्हें पता हो कि मैच जीतना कितना जरूरी है।
पुणे की पिच आमतौर पर बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जाती है, लेकिन यह स्पिनरों को भी अच्छी मदद दे सकती है। माना जा रहा है कि यह टेस्ट मैच पांच दिन तक नहीं चलेगा, और तीन से चार दिन में ही परिणाम आ सकता है। ऐसे में भारतीय टीम के स्पिनरों को भी अहम भूमिका निभानी होगी। दूसरी ओर, विराट कोहली के फॉर्म में लौटने की उम्मीद के साथ, बल्लेबाजों को भी पिच का पूरा फायदा उठाना होगा।
भारत को अगर यह मैच जीतना है, तो न केवल विराट कोहली बल्कि पूरी टीम को सामूहिक प्रयास करने होंगे। पहले टेस्ट की हार के बाद विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की रेस में बने रहने के लिए भारत को इस मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। विराट कोहली के अनुभव और कप्तान रोहित शर्मा की रणनीति से उम्मीद की जा रही है कि टीम इंडिया इस बार शानदार वापसी करेगी।