EPFO Pension: किसी संस्था में जॉब करते हुए अगर आपका पीएफ कटता है तो फिर आपको पेंशन भी मिलेगी. आप सोच रहे होंगे कि पेंशन सरकार की ओर से कैसे दी जाएगी. दरअसल, पीएफ जमा करने वाली संस्था ईपीएफओ की तरफ से ईपीएस योजना चलाई जा रही है. इस योजना का मकसद कर्चमारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन देना है, जो हर किसी का दिल जीतने के लिए काफी है.
क्या आपको पता है कि कर्मचारियों को बेसिक कमाई में से 12 फीसदी हिस्से की कटौती करने का काम किया जाता है. इसमें से 8.33 हिस्सा कर्चमारी के पीएफ खाते में जमा करने का काम किया जाता है. इसके अलावा 3.67 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना के तहत खुलाए गए अकाउंट में जमा होता है. ईपीएफ अकाउंट में निवेश रकम से कर्मचारियों को मंथली पेंशन देने का काम होता है. यह पेंशन रिटायरमेंट के बाद मिलती है, जिससे जुड़ी जरूरी जानकारी आप नीचे जान सकते है.
जल्द जानिए क्या कहता नियम?
सरकार की ईपीएस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ जरूरी बातों को समझना होगा. अगर कोई भी कर्मचारी जिसका सेवा काल मिनिमम 10 साल है तो उसे हर महीना पेंशन का फायदा मिल सकेगा. कोई कर्मचारी 58 वर्ष की आयु के बाद नौकरी जारी रखता है तो भी पेंशन का फायदा आराम से ले सकता है.
ऐसा कर्मचारी जिसने दस साल से कम सर्विस की और उसकी आयु 50 वर्ष से अधिक है तो अपने ईपीएस खाते में मौजूद पैसे निकालने का काम कर सकते हैं. पेंशन का फायदा उसी कर्मी को मिलेगा, जिसने मिनिमम 10 साल नौकरी की हो.
जानिए जरूरी बातें
पीएफ कर्मचारी ध्यान रखें अगर किसी की उम्र 50 से 58 वर्ष के बीच है और 10 साल से ज्यादा समय तक नौकरी कर ली तो पेंशन पाने के योग्य हो जाएंगे. इसे अर्ली पेंशन के नाम से भी जाना जाता है. अर्ली पेंशन क्लेम करने पर प्रति साल 4 फीसदी तक की कटौती करने का काम किया जाता है.
किसी कर्मचारी की आयु 52 वर्ष है वह अर्ली पेंशन का दावा करते हैं तो 58 वर्ष पूरे होने में व्यक्ति को अभी 6 साल कम हैं। इस तरह आपको पेंशन अमाउंट की 76 फीसदी रकम मिल जाएगी. इसके अलावा सालाना 4 फीसदी की दर से 6 साल कम होने पर पेंशन अमाउंट में से 24 फीसदी की कटौती करने का काम किया जाता है. इसका फायदा आपको बड़े स्तर पर आराम से मिल जाएगा.