Chhath Puja Niyam: भगवान सूर्य कि उपासना व लोकआस्था का त्योहार 5 नवंबर से नहाय काय के साथ शुरू हो चुका है। वहीं, छठ पूजा को आज भी सबसे ज्यादा कठिन व्रत में से एक माना जाता है। इसके पीछे का मुख्य कारण है कि छठ व्रत में सभी महिलाएं 36 से लेकर के 38 घंटे तक का व्रत रखती हैँ। इस व्रत में वहीं, भगवान सूरज कि भी विधि विधान से पूजा कि जाती है।
ये तो आप भी जानते ही होंगे कि छठ पूजा धूम धाम से पूरे 4 दिनों तक मानाया जाता है। इस दौरान जितनी भी महिलाएं या कन्या है वे सभी सात्विक भोजन ग्रहण करती हैँ। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना होता है। खरना के दौरान खीर बनाई जाती है। तीसरा दिन को संध्या का अर्ध भी काहा जाता है, इसमें दरअसल, डूबते हुए सूरज को अर्ध्य दिया जाता है। साथ ही चौथे दिन उषा अर्ध्य यानि कि उगते हुए सूरज को अर्ध्य दिया जाता है। उगते हुए सूर्य को ज़ल देकर व्रत का पारण किया जाता है।
कहा जाता है कि छठ पूजा दरअसल, संतान के खुशहाली व तररकी के लिए रखा जाता है। ऐसे में अगर छठ पूजा का व्रत आप भी रखने वाले हैँ, तो पहले जान लें ये जरूरी नियम:
घर में साफ सफाई का दें विशेष महत्व
छठ पूजा में साफ सफाई और पूजा के दौरान पवित्रता का खास प्रकार से ध्यान दिया जाता है। छठ पूजा के दौरान घर के कोने कोने कि ढंग से साफ सफाई कि जाती है।
प्याज़ – लहसुन के इस्तेमाल से बचें
छठ पूजा के दौरान तामसिक चीजों से जितना हो सके दूरी बना के ही रखनी चाहिए। इसके अलावा छठ पूजा कुछ भी मांस – मछली या मदिरा को भी हाथ नहीं लगाना चाहिए।
चूल्हे पर ही बनाएं छठ का प्रसाद
छठ पर्व के दौरान ठेकुआ बनाया जाता है जिसे मान्यता है कि चूल्हे में ही तैयार करना चाहिए। यदि चूल्हा नहीं है तो गैस को अच्छे से धुल और पोंछ के प्रयोग कर सकते हैँ।
प्रसाद में इन बर्तनों का न करें इस्तेमाल
छठ पूजा का ज़ब भी प्रसाद तैयार करें तो ध्यान रखें कि या तो नए बर्तन होने चाहिए। यदि आपके पास नए बर्तन नहीं है तो आप पुराने बर्तनों को ही अच्छे से धो लें। कांच के बर्तनों के इस्तेमाल को अवॉयड करें।
जमीन पर ही सोएं
मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान जो भी महिलाएं व्रत रख रही हैँ, उन्हें हमेशा जमीन में ही सोना चाहिए न कि बेड पर।