केंद्रीय कर्मचारियों को दिवाली से पहले एक बड़ी गुड न्यूज मिली है. सरकार की ओर से अब एक ऐसा ऐलान किया गया है जो किसी खुशखबरी की तरह है. सरकार ने अब CGHS और ECHS की सर्विस सेंटर का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया है. केंद्रीय कर्मचारी अब बीमार होते हैं तो आराम से 40 प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करवा सकेंगे. इनमें नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर भी इलाज कराने के लिए शामिल किए गए हैं.

सरकार की तरफ से अपनी लिस्ट में 40 अस्पतालों को शामिल करने का फैसला लिया गया है. इन सभी अस्पतालों की रेट लिस्ट CGHS के अंतर्गत ECHS के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए ना के बराबर रहेगी. इसके साथ ही कर्मचारियों की बीमारी में जो खर्च होगा, उसका भुगतान केंद्र सरकार की तरफ से किया जाएगा. सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है. ECHS ने 40 प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटरों को अपने पैनल में शामिल करने का फैसला लिया गया है. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. इससे जुड़ी जरूरी बातें आप नीचे जान सकते हैं.

बैठक में अस्पतालों को शामिल करने का औपचारिक ऐलान

ECHS डायरेक्टर को इस पैनल में शामिल किए गए नए अस्पतालों की लिस्ट के बारे में ऑफिशियली आदेश प्राप्त हो चुका है. रक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों केतहत यह प्रोसेस किया गया है. ECHS लाभार्थियों को अस्पतालों में फ्री इलाज की सुविधा देने का काम किया जाएगा.

इस आदेश के बाद अब ECHS की गिनती में 40 प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर भी शामिल करने का फैसला लिया गया है. कर्मचारियों को अब इलाज कराने को धक्के खाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे आपकी सब टेंशन आराम से खत्म हो जाएगी.

कर्मचारी कम दाम में करा सकेंगे इलाज

इस पैन में शामिल किए गए अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटरों को रक्षा मंत्रालय की तय शर्तों का पालन करना जरूरी होगा, जिससे किसी तरह की परेशानी नहीं होने वाली है. इसमें सर्विस दरें भी शामिल की गई हैं. इलाज का खर्च लिस्ट समितित के पास की दरों के अनुसार रहना तय है. साथ ही CGHS दरों के साथ समायोजित किया जाना बिल्कुल तय माना जा रहा है. CGHS कर्मचारियों का जिस प्राइस अस्पतालों में इलाज होता है, उसी रेट पर ECHS के अंतर्गत आगामी दिनों में कर्मचारी आराम से इलाज करवा सकते हैं.

फटाफट जानें यह सब

इसके अलावा जो हॉस्पिटल पहले से ही CGHS के साथ पैनल में शामिल हैं, उन्हें ECHS के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते समय अपनी CGHS का प्रमाण पत्र देने की जरूरत होगी. वहीं, CGHS की लिस्ट वाले अस्पतालों की स्थिति तब तक मान्य रहेगी जब तक उनकी CGHS मान्यता सक्रिय है. इसके साथ ही समझौते का रिन्यू भी रह सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि सरकार की तरफ से यह फैसला बड़ा माना जा रहा है. इससे अब केंद्रीय कर्चमारियों को मिलने वाली सहूलियत में काफी इजाफा हुआ है. जानकारी के लिए बता दें कि मनी कंट्रोल पोर्टल में पब्लिश हुई खबर के आधार पर यह आर्टिकल प्रकाशित किया गया है.

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