महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री रहे एनसीपी के दिग्गज नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद अब हर किसी की नजर लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तरफ है. कई ऐसे बड़े नाम हैं जिनके लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग जान का खतरा बना हुआ है. पंजाब सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेकर हर किसी को हैरान कर दिया था.
सभी के मन में सवाल उठ रहा कि लॉरेंस बिश्नोई तो काफी दिनों से जेल में हैं, लेकिन गैंग का नेटवर्क कितना बड़ा है कि लगातार बड़े लोगों को निशाना बना रहा है. लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों ने कुछ महीने पहले बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर कई राउंड अंधाधुंध फायरिंग की थी.
हालांकि, इसमें किसी तरह का जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था. लॉरेंस बिश्नोई गैंग के एक सदस्य ने इस गोलीबारी की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. क्या आपको पता है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद भी अभी कुछ नाम ऐसे हैं जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग की हिटलिस्ट में शामिल हैं. वो कौन से नाम हैं आप नीचे आराम से जान सकते हैं.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की हिटलिस्ट में यह नाम शामिल
इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट की मानें तो लॉरेंस बिश्नोई गैंग का अगला निशाना अभिनेता सलमान खान, कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी, शगनप्रीत सिंह, कौशल चौधरी और अमित डागर शामिल हैं. 12 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी की हत्या में भी कथित साजिशकर्ता में लॉरेंस बिश्नोई का ही नाम सामने आ रहा है.
बाकायदा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस हत्या की जिम्मेदारी ली गई है. गैंग का सरगना लॉरेंस बिश्नोई अभी गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. पंजाबी संगीतकार सिद्धू मूसेवाला की हत्या का खलनायक भी लॉरेंस बिश्नोई को ही माना जाता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नेटवर्क 11 राज्यों में है, जिसके पास करीब 700 शूटर हैं. किसी की भी हत्या करने से पहले गैंग के शूटर रेकी कर पूरी तैयारी के साथ ही घटना को अंजाम देते हैं.
सलमान खान का कब से दुश्मन बना लॉरेंस बिश्नोई गैंग?
लॉरेंस बिश्नोई गैंग सलमान खान की हत्या के प्रयास कर बार कर चुका है. दरअसल, सलमान खान काला हिरण शिकार मामले में संलिप्त होने के बाद से लॉरेंस बिश्नोई के निशाने पर हैं. बिश्नोई समाज में हिरण को बहुत सम्मान दिया जाता है. इसके बाद से ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग लगातार सलमान खान को निशाने पर ले रहा है. शूटरर्स की तरफ से कई बार सलमान खान पर हमला करने की साजिश रची, लेकिन चाक चौबंद सुरक्षा के चलते हर बार विफलता ही मिली है.