नई दिल्ली: बेंगलुरु टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ 8 विकेट से हार के बाद भारतीय टीम को सिर्फ सीरीज में ही नहीं, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में पहुंचने के समीकरण में भी झटका लगा है। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया का डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने का सफर थोड़ा कठिन हो गया है। सीरीज से पहले भारत का WTC पॉइंट्स टेबल पर जीत का प्रतिशत 74.24 था, जो अब घटकर 68.06 रह गया है। हालांकि, भारतीय टीम अब भी पहले स्थान पर बनी हुई है, लेकिन अब उन्हें फाइनल में जगह पक्की करने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। आइए जानते हैं कैसे।

टीम इंडिया के सामने चुनौती

डब्ल्यूटीसी के मौजूदा चक्र में भारतीय टीम को कुल 7 और मुकाबले खेलने हैं। इन मैचों में से 2 मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत में खेले जाएंगे, जबकि बाकी 5 मैच ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर होंगे। अगर भारतीय टीम को सीधे फाइनल के लिए क्वालीफाई करना है, तो इन 7 मैचों में से कम से कम 5 मुकाबले जीतने होंगे। अगर टीम ऐसा करती है, तो उनका जीत का प्रतिशत 68.42 होगा, जो फाइनल में जगह बनाने के लिए पर्याप्त है।

फाइनल में पहुंचने का समीकरण

WTC के पिछले दो चक्रों को देखें, तो 2021 में भारतीय टीम ने 70.58 प्रतिशत जीत के साथ और 2023 में ऑस्ट्रेलिया ने 66.7 प्रतिशत जीत के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। वहीं, न्यूजीलैंड और भारत की टीमें क्रमश: 63.63 और 58.8 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में पहुंची थीं। इसका मतलब है कि इस बार भी 68 प्रतिशत के करीब जीत का प्रतिशत फाइनल में जगह बनाने के लिए पर्याप्त होगा।

जीत और ड्रॉ के समीकरण

अगर भारतीय टीम बचे हुए 7 मैचों में से 4 मैच जीतती है और 2 मैच ड्रॉ रहते हैं, तो भी टीम के पास फाइनल में पहुंचने का अच्छा मौका रहेगा। इस स्थिति में भारत के खाते में 66.67 प्रतिशत अंक होंगे, जो संभावित रूप से फाइनल के लिए पर्याप्त हो सकते हैं।

हार के परिणाम

अगर टीम इंडिया 7 में से 2 से अधिक मैच हार जाती है, तो उन्हें फाइनल में पहुंचने के लिए अन्य टीमों के रिजल्ट पर निर्भर रहना पड़ेगा। इसका मतलब यह है कि अन्य टीमों के प्रदर्शन का असर भारत के फाइनल में पहुंचने की संभावना पर पड़ सकता है।

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