Success Story of SI Manvi Madhu Kashyap : बिहार जिले में एक ट्रांसजेंडर महिला पहली बार पुलिस में दरोगा बनकर इतिहास रच दिया है। मधु कश्यप ने अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के अपने कठिन संघर्षों के बारे में बताया है। उनको कई संस्थाओं ने शुरू में प्रवेश देने से मना कर दिया था। मधु कश्यप ने कभी ताली न बजाने और भीख न मांगने की कसम खायी थी, उन्होंने बिहार दरोगा के परीक्षा की तैयारी करने की ठान ली थी। मधु कश्यप ने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि वह राज्य की पहली ट्रांसजेंडर दरोगा महिला बनेंगी। मधु कश्यप कि ये कहानी उम्मीदवारों के प्रेरणा देती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। मधु को उनके गुरु डॉ. एम रहमान ने पढ़ाया और उनकी पढ़ाई में बहुत मदद की। मधु कश्यप के संघर्षों के कहानियों उम्मीदवारों को बहुत प्रेरित करेगी। आइये इस आर्टिकल में Success Story of SI Manvi Madhu Kashyap के बारे में जानते हैं।

SI Manvi Madhu Kashyap Biography

मधु कश्यप बांका जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम नरेंद्र प्रताप सिंह और माता का नाम माला देवी है। उनके दो भाई और बहन है, वह अपने माता-पिता की चौथी संतान हैं। मधु ने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया। मधु ने एक इंटरव्यू में बताया कि “मेरे परिवार का प्यार तो खूब मिला लेकिन समाज में खूब ताने दिए। मेरी मां मेरी वास्तविक पहचान के बारे में जानती थीं लेकिन समाज के दर से उन्होंने कभी जाहिर ही नहीं किया। मां डरती रहीं की लोग क्या कहेंगे। कई संस्थाओं ने तो मुझे यह कहते हुए प्रवेश देने से इनकार कर दिया कि मैं माहौल नकारात्मक प्रभाव डालूंगी। “

Success Story of SI Manvi Madhu Kashyap
Success Story of SI Manvi Madhu Kashyap

मधु कश्यप की शुरुआती पढ़ाई लिखाई उनके गांव से ही हुई। मधु आर्थिक तंगी के कारण गांव के एक व्यक्ति से 1300 रुपए उधार लिए फिर वह अखबार बांटने का काम करने लगी फिर उन्होंने 12वीं में एडमिशन लिया। उन्होंने 5 साल तक अख़बार बांटने का काम किया। मधु ने मांझी यूनिवर्सिटी भागलपुर से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। उनके पिता के चले जाने से घर के जिम्मेदारी और पढ़ाई को एक साथ संभालना मुश्किल हो रहा था। वही शरीर में हो रहे बदलाव के कारण उनको गांव में रहना मुश्किल हो रहा था। फिर उन्होंने बिहार छोड़कर बहन के पास रह कर ही एडीसीए और आईटीआई किया।

Success Story of SI Manvi Madhu Kashyap

वर्ष 2022 में मधु ने सिपाही पद के लिए परीक्षा दी थीं। उनको लिखित परीक्षा में सफलता मिली लेकिन वह शारीरिक परीक्षा में असफल हो गयीं। उस समय उनकी सर्जरी हुई थी और 6 महीने तक वह बिस्तर पर रहीं। मधु ने अभी तैयारी को जारी रखा और दरोगा पद के लिए अप्लाई किया और इस उनको सफलता हासिल लगी। मधु कश्यप के इस सफलता पर उनके परिवार और दोस्तों में खुशी की लहर उठी। एक इंटरव्यू में मधु ने कहा की वह अपनी वर्दी पहन कर अपने गांव जरूर जाएंगी और सबको बताएंगी कि उन्हें ट्रांसजेंडर होने पर कोई शर्म नहीं है।

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