अक्सर आपने भी तरबूज कि तरह छोटे शेप में हूबहू दिखने वाली काचरे को देखा होगा या नाम तो सुन ही रखा होगा। वैसे तो काचरा राजस्थान में पाया जाता है। इसकी सब्जी को वहां के लोग बना के खाना बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैँ। वैसे तो काचरा केवल साल में तीन महीने ही मिलता है, जो कि बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट होता है। परन्तु पूरे साल भर के लिए पहले से भी सुखा कर के रख लिया जाता है। सुखा कर इसका इस्तेमाल फिर 12 महीने तक किया जाता है।
ज्यादातर वैसे तो इसकी सब्जी का दाम 20 या 30 रुपये किलो का होता है, पर मार्केट में इसका दाम सूखने के बाद बढ़ कर 300 से 350 रुपये तक चला जाता है। इसलिए लोग इसे सुखा कर रखते जाते हैँ, जैसे ही ये आती है। ताकि अच्छा खासा प्रॉफिट कमाया जा सके। ये समझ लीजिए कि सुखा लेने के बाद 20 – 30 रुपये कि ये सब्जी सीधे 300 रुपये से ज्यादातर कि बिकने लागती है।
ड्राई फ्रूट भी कहलाती है
वैसे सूखी हुई काचरे कि सब्जी को गरीबों का ड्राई फ्रूट भी कहा जाता है। गरीब लोग जो होते हैँ वे इसे इक्क्ठा कर सुखा लेते हैँ, फिर काचरे का सीजन जाने के बाद ये दुकानों में बेंचते हैँ। फिर पूरे 12 महीने तक इसकी सब्जी बना कर के सर्व कि जाती है। काचरे को किसी भी सब्जी के साथ मिला कर के भी खाया जा सकता है। ये न केवल खाने के स्वाद को बढ़ाती है, बल्कि सेहत को भी दो गुना तक ज्यादा फायदा पहूँचाती है। काचरे में भरपूर मात्रा में कई तरह के विटामिन्स, खनिज प्रदार्थ और भी कई तरह के फायदेमंद तत्व पाए जाते हैँ।
इनके सेवन से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता जाता है। इसलिए काचरे कि सब्जी का सेवन करना शरीर के लिए काफी ज्यादा लाभदायक भी होता है। ऐसे में जो लोग राजस्थान में नहीं रहते हैँ, उन्हें भी इस सब्जी को एक बार तो जरूर ट्राई करना चाहिए। क्युंकि एक बार खा लेंगे तो बार बार खाने कि इच्छा जरूर होगी, क्युंकि काचरे का स्वाद ही इतना अच्छा है।