आज के समय में किसानों के लिए पारंपरिक खेती से हटकर ऐसे विकल्पों की तलाश करना जरूरी हो गया है, जो कम इन्वेस्टमेंट में ज्यादा फायदा दे सकें। एक ऐसा ही विकल्प है तेजपत्ता की खेती, जिसमे कम मेहनत और इन्वेस्टमेंट के बावजूद किसानों को काफी अच्छा फायदा दे सकती है। भारत में मसालों की मांग काफी ज्यादा रहती है, और तेजपत्ता इनमें से एक प्रमुख मसाला है। इसका इस्तेमाल सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बड़ी मात्रा में होता है। अगर आप भी अपनी खेती को एक नया रूप देना चाह रहे हैं, तो आइए जानते हैं तेजपत्ता की खेती से जुड़ी सभी
जरुरी बातें।

तेजपत्ता की बड़ी मांग,फायदे का अच्छा विकल्प

तेज पत्ता भारतीय व्यंजनों में एक महत्वपूर्ण मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है यह न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ता है बल्कि इसके कई स्वस्थ फायदेमंद भी होते हैं इसकी खासियत यह है कि इसकी मांग सिर्फ इंडिया में ही नहीं बल्कि अमेरिका,यूरोप जैसे देशों में भी तेज पत्ता की मांग काफी ज्यादा है उसके चलते किसानों को तेजपत्ता की खेती से अच्छा फायदा होता है कम मेहनत है और कम इन्वेस्टमेंट में भी यह फसल एक बेहतरीन फायदा देने वाली साबित हो सकती है।

तेजपत्ता की खेती,कम मेहनत, ज्यादा फायदा

तेजपत्ता की खेती करना ज्यादा मुश्किल नहीं है,अगर आप पहली बार इसकी खेती कर रहे हैं तो शुरुआत में थोड़ा ध्यान देने की जरूरत होती है। लेकिन एक बार पौधे मजबूत हो जाने के बाद इसकी देखभाल में ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती है।

1] जलवायु और मिट्टी का चयन: तेजपत्ता की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु सबसे जरुरी होती है। यह पौधा अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में बेहतर तरीके से उगता पता है, खासकर बलुई और दोमट मिट्टी में। मिट्टी में पानी ठहरने की समस्या नहीं होनी चाहिए, ताकि पौधे सही तरीके से बढ़ सकें।

2]पौधारोपण का समय: मानसून के समय , जून से जुलाई के बीच तेजपत्ता के पौधे लगाए जाते हैं। इसे 5 से 6 फीट की दूरी पर लगाना चाहिए, ताकि पौधों के बीच पर्याप्त जगह हो और वे सही तरीके से बड़े हो सकें।

तेजपत्ता के स्वास्थ्य फायदे और बाजार की स्तिथि

तेजपत्ता केवल स्वाद के लिए ही उपयोग नहीं किया जाता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और पेट की समस्याओं को दूर करने में काफी मदद करता है। तेजपत्ता के एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को कई तरह की बीमारियों से भी बचाते हैं।

इस वजह तेजपत्ता की मांग सिर्फ घरेलू बाजार में ही नहीं, बल्कि विदेशी बाजार में भी तेजी से बढ़ रही है। विदेशी बाजारों में इसकी बढ़ती मांग किसानों के

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