Success Story of IAS Divya Tanwar : देश के लाखों युवा यूपीएससी परीक्षा को क्लियर करने के लिए बिना अपनी सेहत की परवाह किये दिन – रात मेहनत करते रहते हैं। सिविल सर्विस के तहत अभ्यर्थियों को देश के लिए योगदान देनें का मौका मिलता हैं। सभी के जीवन में बचपन में बीती हुई कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जो हमें कुछ बड़ा बनने के लिए प्रेणीत कर देती है।
ऐसी ही कहानी है आईएएस दिव्या तंवर की जिनके बचपन में ही उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी। जिसके बाद उनके परिवार में वित्तीय समस्या भी ज्यादा हो गयी थी। साल 2021 में दिव्या तंवर में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी थी और उन्होंने पहली ही बार में इस परीक्षा को क्वालीफाई कर लिया था। उन्होंने 438 वीं रैंक हासिल की थी। पहले प्रयास में उनकी उम्र मात्र 21 वर्ष थी। पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद वह आईपीएस बन गईं। दिव्या तंवर का सपना आईएएस बनना था। इसलिए वह फिर से यूपीएससी की परीक्षा दीं। दूसरे अटेम्प्ट में वह यूपीएससी परीक्षा क्वालीफाई करके 105 वीं रैंक हासिल कीं। उसके बाद वह आईएएस अधिकारी बन गयीं। आइये इस कॉन्टेंट में Success Story of IAS Divya Tanwar के बारे में जानते हैं।
IAS Divya Tanwar Biography
आईएएस दिव्या तंवर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के एक छोटे से गांव निंबी की रहने वाली हैं। पिताजी को चले जाने के बाद इनकी मां ने मजबूरी करके घर चलाया और अपनी बेटी की पढ़ाई का खर्चा उठाया। दिव्या ने नवोदय विद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की है।
Success Story of IAS Divya Tanwar
दिव्या ने महेंद्रगढ़ से गवर्नमेंट वुमेन कॉलेज से बीएसई की डिग्री हासिल कीं। दिव्या शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल थीं। वह मात्र 21 की उम्र में यूपीएससी परीक्षा क्लियर करके आईपीएस बन गई और उनके 438 वीं रैंक थे। वह IAS अधिकारी बनना चाहती थीं इसलिए उन्होंने फिर से UPSC परीक्षा दी और 105 वीं रैंक हासिल करके IAS अधिकारी बन गयीं। दिव्या ने कोई कोचिंग नहीं की है। वह इंटरनेट की मदद से पढ़ाई किया करती थीं।