नई दिल्ली: ईपीएफओ (EPFO) अपने कर्मचारियों को रिटायरमेंट होने क बाद पेंशन देने का काम करती है. पेंशन की राशि कर्मचारी और कंपनी के योगदान पर निर्भर रहती है. ईपीएफओ (EPFO) की तरफ से ईपीएस योजना चलाई जा रही है. कर्मचारी वर्ग काफी दिनों से मिनिमम पेंशन की सीमा को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से अभी इस पर कोई भी फैसला नहीं लिया है.

रिटायरमेंट के बाद ईपीएफओ (EPFO) से पेंशन पाने के लिए कुछ नियम और शर्तें निर्धारित की गई हैं, जिन्हें जानना बहुत ही आवश्यक है. पेंशन भी उम्र के हिसाब से मिलेगी. अगर आप 60 वर्ष से पेंशन लेना शुरू करेंगे तो अतिरिक्त दरों का फायदा होगा.

ईपीएफओ से पेंशन पाने के लिए जरूरी बातें

ईपीएफओ (EPFO) से पेंशन पाने के लिए कुछ जरूरी शर्तों को मानना होगा. सामान्य तौर पर पेंशन रिटायरमेंट के बाद 58 वर्ष की उम्र में इसका फायदा मिलता है. कोई भी कर्मचारी जल्द पेंशन के लिए अप्लाई कर सकता है. पेंशन पाने के लिए ईपीएफओ(EPFO) सदस्य का मिनिमम 10 साल तक योगदान करने की जरूरत होगी. इसके साथ ही ईपीएफओ से अधिक पेंशन प्राप्त करने के लिए 58 साल नहीं बल्कि 60 साल तक अपने पेंशन को होल्ड करके रखने की जरूरत होगी.

ऐसी स्थिति में 4 फीसदी पेंशन अतिरिक्त मिल जाती है. इतना ही नहीं अगर कोई कर्मचारी 59 वर्ष की आयु में पेंशन लेने का काम करता है तो उसे 4 फीसदी की अतिरिक्त दर से पेंशन देने का काम किया जाता है. 50 से 58 साल के बीच रिटायमेंट होने के बाद ईपीएफओ कर्मचारियों को कम पेंशन देने का काम करता है. ऐसी स्थित में सालाना 4 फीसदी की दर से पेंशन कम होती है.

समझ जाएं जरूरी बातें

कोई कर्मचारी ईपीएफओ (EPFO) 56 साल क उम्र से भी कम में मंथली पेंशन निकालने की सोचता है तो उसे मूल पेंशन राशि 92 प्रतिशत मिलेगी. इसके साथ ही 8 फीसदी कम पेंशन का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही जल्द पेंशन पाने के लिए आपको कंपोजिट क्लेम फॉर्म भरना होगा. जल्दी पेंशन और 10D फॉर्म के विकल्पों का चयन करने की जरूरत होगी, जिससे सब टेंशन ही खत्म हो जाएगी. ईपीएफओ की ओर से किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. शर्तों के अनुसार, पूरी पेंशन दी जाएगी.

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