नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे चेतेश्वर पुजारा ने एक बार फिर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में इतिहास रच दिया है। पुजारा ने अपने करियर का 66वां शतक जमाया और इस शानदार उपलब्धि के साथ महान वेस्टइंडियन बल्लेबाज ब्रायन लारा का रिकॉर्ड तोड़ दिया। लारा ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में 65 शतक लगाए थे, जबकि पुजारा अब 66 शतक के साथ उनसे आगे निकल चुके हैं। इसके साथ ही पुजारा ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में 21,000 रन भी पूरे कर लिए हैं। यह उपलब्धि उन्हें क्रिकेट के इतिहास में एक अलग मुकाम पर ले जाती है।

रणजी ट्रॉफी में पुजारा का शतक

रणजी ट्रॉफी 2024 के दौरान छत्तीसगढ़ और सौराष्ट्र के बीच खेले गए मुकाबले में सौराष्ट्र की ओर से खेलते हुए चेतेश्वर पुजारा ने शानदार शतक जमाया। इस शतक के साथ उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ब्रायन लारा के 65 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पुजारा की इस पारी ने न सिर्फ सौराष्ट्र को मजबूती दी, बल्कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से एक और महत्वपूर्ण माइलस्टोन छूने का मौका दिया।

भारत के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में टॉप शतकवीर

पुजारा ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में जो मुकाम हासिल किया है, वह किसी भी बल्लेबाज के लिए गर्व की बात होती है। भारत के लिए सबसे ज्यादा फर्स्ट क्लास शतक लगाने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर के नाम है, जिन्होंने 81-81 शतक लगाए हैं। हालांकि, पुजारा का नाम अब उन महान खिलाड़ियों के साथ आ गया है जिन्होंने 21,000 रन पूरे किए हैं।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक

जब हम फर्स्ट क्लास क्रिकेट की बात करते हैं तो सबसे ज्यादा शतक लगाने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के सर जैक हॉब्स के नाम है, जिन्होंने 199 शतक लगाए थे। उनके बाद भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर का नाम आता है, जिन्होंने 81-81 शतक लगाए। इस सूची में अब पुजारा भी शामिल हो गए हैं, जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी शानदार बल्लेबाजी से दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुके हैं।

क्या भारतीय टीम में पुजारा की कमी खलेगी?

पुजारा को वर्तमान में भारतीय टेस्ट टीम से बाहर रखा गया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या आने वाली टेस्ट सीरीज में उनकी कमी टीम को खलेगी। 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में पुजारा का न होना भारतीय टीम के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। 2018-19 की टेस्ट सीरीज में, पुजारा ने 1,258 गेंदों पर 521 रन बनाए थे और तीन साल बाद एक बार फिर उन्होंने 928 गेंदों पर 271 रन बनाकर टीम की बल्लेबाजी को मजबूत किया था।

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